ये रात
Monday, 27 April 2020 22:42:24
Manju Thapa
ये रात स्याह घनी अँधेरी सी।
इसमें चाँदनी की चमक नहीं,
मारुत बहकर नहीं गुनगुनाता,
झीना झीना क्षण लहराता।।
ये रात स्याह घनी अँधेरी सी।
इसमें जुगनु खिलते नहीं,
पक्षियों का गान ठि
Read More
Monday, 27 April 2020 22:29:24
Manju Thapa
संकल्प
Monday, 27 April 2020 22:29:24
Manju Thapa
नहीं जिऊँगा बन बिहाग ।।
इस द्वंद्व के कण कण को,
समेट लिया अपने मन को।
दुःख की घोर पीड़ा में,
कलुषित नहीं होने दूंगा।
अपने जीवन का राग।
नहीं जिऊँगा बन बिहाग ।।
ऊर्जा को मेरी छी
Read More
Monday, 27 April 2020 22:08:09
Manju Thapa
Read More
Monday, 27 April 2020 08:43:54
Manju Thapa
स्वतंत्र
Monday, 27 April 2020 22:08:09
Manju Thapa
स्वतंत्र तन,स्वतंत्र मन और स्वतंत्र प्राण हैं।
स्वतंत्र हैं विचार और स्वतंत्र अभिमान है।।
स्वतंत्रता के झूले झूलते,
स्वतंत्र गगन को चूमते।
स्वतंत्र धरा के आँगन,
आँसू
Monday, 27 April 2020 08:43:54
Manju Thapa
मत करो प्रवाहित इन्हें सुदूर,
ये आँसू लो पलकों में मींच।
कोई नहीं करुणा करता इनसे,
स्वयं ही रखो इनको सीं
Read More
Monday, 27 April 2020 08:25:12
Manju Thapa
भाग नहीं सकते
Monday, 27 April 2020 08:25:12
Manju Thapa
भाग नहीं सकते,
उन बातों से जिनका कोई अस्तित्व नहीं है
और सुनते हैं।
भाग नहीं सकते,
उन रिश्तों से जिनको निभाना मुश्किल है
और ढोते हैं।
भाग नहीं सकते,