मन निर्झर बहता है
Monday, 27 April 2020 08:11:40
Manju Thapa
मन निर्झर बहता है।
बचपन
Monday, 27 April 2020 04:14:05
Manju Thapa
परीक्षाकाल
Sunday, 07 October 2018 07:39:46
Manju Thapa
अशोक के स्थिर युगों के साथ,
ख़त्म हुआ ये परीक्षाकाल।।
निकल चला हूँ मैं यायावर,
अपने पथ की लेकर चाल।।
कुछ उमंग सी भावों में उभरी,
शेष लुप्त हुई स्मृति में।।
कुछ को किया जागृत सपनों में,
कुछ स्थिरता से आयी गति में।।
पाती
Sunday, 07 October 2018 07:35:52
Manju Thapa
पाती अरुण छवि की ओस की बूँदों को,
जो हरी भरी धरा पर बिखरी हुई है।।
पाती सुवासित समीर के मृदुल कणों को,
जो सुन्दर प्रकृति पर घिरी हुई है।।
पाती रश्मिपूरित मेघ की रिमझिम को,
जो क्षितिज़ पार जाकर बरस रही है।।
पाती सरिता के निच्छल वेग
जीवन चलता जाता है
Sunday, 07 October 2018 07:30:53
Manju Thapa
सुख दुःख की परिपाटी पर,
ये जीवन चलता जाता है।।
अनंत पदचापों से चल राह,
नित गीत सुरीले गात है।।
खोया बहुत पाया असंख्य,
अनुभव यही सिखाता है।।
जितना बीता और रीता था,
उसका भी साथ निभाता है।।
ये जीवन चलता जाता है